ABHAS
Sunday, 13 September 2015
Dar....
दर्दे बयां पे मेरे, वो करते हैं वाह वाह
बताते हैं मुझे रास्ता, जो खुद ही हैं गुमराह
किससे कहूँ मैं हाल, करूँ किसपे ऐतबार
तूफ़ान से था जो डर, वो अब तुझसे है ऐ मल्लाह
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